Saturday, March 28, 2009

फुलोंके रंगसे....



फुलोंके रंगसे, दिलकी कलमसे, तुझको लिखी रोज पाती
कैसे बताउँ किस किस तरहसे पल पल मुझे तू सताती
तेरेही सपने लेकर के सोयाँ तेरे ही यादोमें जागा
तेरे खयालोमें उलझा राहा हुँ जैसे के मालामें धागा

बादल बिजली चंदन पानी जैसा अपना प्यार
लेना होगा जनम हमें कई कई बार
हो इतना मधुर इतना मधुर तेरा मेरा प्यार
लेना होगा जनम हमें कई कई बार

साँसोकी सरगम धडकन की बीना सपनोकी गीतांजली तू
मनकी गलीमें महके जो हरदम जैसे जुही की कली तू
छोटा सफर हो लंबा सफर हो सुनी डगर हो या मेला
याद तू आए मन हो जाए भीडके बीच अकेला

बादल बिजली चंदन पानी जैसा अपना प्यार
लेना होगा जनम हमे कई कई बार
हो इतना मधुर इतना मधुर तेरा मेरा प्यार
लेना होगा जनम हमे कई कई बार

पुरब हो पश्चिम उत्तर हो दक्षिण तु हर जगाह मुस्कुराए
जितना ही जाउँ मै दूर तुझसे, उतनी ही तू पास आए
आँधीने रोका पानी ने टोका दुनिया ने हँसकर पुकारा
तस्वीर तेरी लेकीन लिएमें कर आया सबसे किनारा

बादल बिजली चंदन पानी जैसा अपना प्यार
लेना होगा जनम हमें कई कई बार
हो इतना मधुर इतना मधुर तेरा मेरा प्यार
लेना होगा जनम हमें कई कई बार

गीतकार : नीरज , चित्रपट प्रेमपुजारी

फूल चित्रसौजन्य - ऑर्कुटमित्र

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